अगले 10 साल में कितना बदल जाएगा Android, ऐसा रहा पिछले 10 साल का सफर
साल 2009-10 में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के मार्केट शेयर में बढ़त देखी गई। स्मार्टफोन यूजर्स को यह ऑपरेटिंग सिस्टम पसंद आने लगा
By Harshit HarshEdited By: Updated: Tue, 25 Sep 2018 10:00 PM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। Google ने अपना पहला एंड्रॉइड डिवाइस 2008 में लॉन्च किया था। पिछले 10 साल में गूगल ने अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में काफी बदलाव किया है। जिस समय एंड्रॉइड लॉन्च किया गया था उस समय एप्पल ने आईओएस, ब्लैकबेरी, नोकिया सिंबियन ओएस, पाल्म और विंडोज ओएस पर स्मार्टफोन्स और मोबाइल फोन काम करते थे। साल 2009-10 में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के मार्केट शेयर में बढ़त देखी गई। स्मार्टफोन यूजर्स को यह ऑपरेटिंग सिस्टम पसंद आने लगा। रिसर्च फर्म स्टेटिस्टा के मुताबिक गूगल का यह ऑपरेटिंग सिस्टम दुनियाभर के 88 प्रतिशत स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होता है।
ऐसा रहा एंड्रॉइड का सफरइस ऑपरेटिंग सिस्टम को गूगल के को-फाउंडर्स सर्गी ब्रिन और लैरी पेज ने पहली बार उतारा था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को गूगल के G1 स्मार्टफोन में दिया गया था। इस स्मार्टफोन को एचटीसी और टी-मोबाइल ने मिलकर बनाया था। इस स्मार्टफोन की कीमत 399 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 28 हजार रुपये की कीमत में लॉन्च किया गया था। गूगल ने अपना पहला एंड्रॉइड डिवाइस आइफोन के टक्कर में लॉन्च किया था। एंड्रॉइड 9 पाई को इसी साल गूगल I/O 2018 में लॉन्च किया गया। यह एंड्रॉइड का लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम है। गूगल के अन्य एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में एंड्रॉइड जैली बिन, एंड्रॉइड किटकैट, एंड्रॉइड लॉलीपॉप, एंड्रॉइड मार्शमैलो, एंड्रॉइड नूगॉट, एंड्रॉइड ओरियो काफी लोकप्रिय हुए हैं। गूगल ने J, K, L, M, N, O और P सीरीज में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को लॉन्च किया है।
अगले 10 साल में हो सकता है बड़ा बदलावगूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम में अगले 10 साल में काफी बदलाव देखा जा सकता है। सबसे बड़ा बदलाव जो देखा जाएगा वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में देखा जा सकता है। गूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के और फीचर्स जोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा आपका स्मार्टफोन एक डिजिटल असिस्टेंसके रूप में काम करेगा। गूगल एआई के साथ मशीन लर्निंग फीचर को इंप्रूव किया जाएगा जो कि गूगल अपने हर साल लॉन्च होने वाले एंड्रॉइड सिस्टम में करता है। टेक्स्ट मैसेज वाले फीचर में भी बदलाव किया जा सकता है। एड्रॉइड में आईओएस की तरह ही आईमैसेज फीचर दिया जा सकता है जो एंड टू एंड इनक्रिप्शन पर आधारित होगा और ज्यादा सुरक्षित होगा। इसके अलावा आर्गूमेंटेड रियलिटी फीचर भी जोड़ा जा सकता है। गूगल प्ले स्टोर और गूगल ऐप्स को इंप्रूव किया जाएगा।